Friday, May 21, 2010

आत्मघाती दस्ते बना रहे नक्सली

श्रीलंका से भागे लिट्टे के कई हार्ड कोर कमांडर न केवल नक्सलियों को मानव बम बना रहे हैं बल्कि उन्हें गुरिल्ला वार और हथियार चलाने के गुर भी सिखा रहे हैं। इससे भी खतरनाक तथ्य यह है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई नक्सलियों को बड़े पैमाने पर आधुनिक हथियार और फंड मुहैया करा रही है। खुफिया नजर में रेड तालिबान कहे जाने वाले नक्सलियों ने अब अरबन सेल गठित कर रेड कारिडोर पर ध्यान केंद्रति कर रहे हैं।
फिया सूत्रों के अनुसार नक्सलियों की बढ़ रही ताकत का कारण पाक खुफिया एजेंसी द्वारा धन मुहैया कराना और लश्कर-ए-तय्यबा द्वारा हथियार मुहैया कराना है। अत्याधुनिक हथियारों से इनके हाथ मजबूत हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार श्रीलंका में पस्त हुए लिट्टे के कई हार्ड कोर कमांडर अब नक्सलियों के संपर्क में आ गए हैं। श्रीलंका से भागकर लिट्टे के लोग आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और उड़ीसा के समुद्री रास्ते से भारत आ गए हैं। वे नक्सलियों के गुरू बन गए हैं। श्रीलंका से भागे लिट्टे के लोग नक्सलियों के ट्रेनर बन गए हैं। वे उन्हें गुरिल्ला वार और हथियार चलाने की ट्रनिंग दे रहे हैं। नक्सलियों को ये लोग मध्य और दक्षिण भारत के दूर दराज इलाकों में प्रशिक्षण दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार नक्सलियों को 40 से ज्यादा एलटीटीई ट्रेनर प्रशिक्षित कर रहे हैं। मध्य और दक्षिण भारत के कुछ भाग पर नक्सलियों का पूरा वर्चस्व है।
सूत्रों के अनुसार नक्सली अब आत्मघाती दस्ता भी तैयार कर रहा है। इसके लिए उन्हें लिट्टे द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है। नक्सली कैडर करीब 25 हजार तक पहुंच गई है। इसमें लगभग सात हजार एलटीटीई द्वारा गुरिल्ला वार और हथियार चलाने में प्रशिक्षित हैं। सूत्रों के अनुसार पाक आतंकवादियों की तरह अब नक्सली भी हर घटना का वीडियो बना कर देखते हैं। उससे आंकते हैं कि किसने क्या और कितना काम किया।
उसी के हिसाब से उन्हें प्रोन्नति दी जाती है। नक्सलियों ने अब लड़ने के साथ-साथ अपना ध्यान शहरी क्षेत्र पर केंद्रित किया है। इसके लिए अरबन सेल गठित किया है। इसका काम विश्वविघालय में गरीब छात्रों पर डोरे डालना और प्रतिभावान छात्रों को थिंक टैंक के रूप में जोड़ना है। ताकि वे राजनीति से लेकर तमाम बुद्धिजीवी क्षेत्र में घुस सकें और पर्दे के पीछे उनकी मदद करें। यह खुलासा खुफिया विभाग के हाथ लगी की नक्सलियों की किताब से हुआ है। खुफिया विभाग ने केंद्र को चेताया है कि नक्सली अब अपना नया कार्य क्षेत्र बनाना शुरू किया है। वे अब औघोगिक क्षेत्र और विशेष आर्थिक जोन पर अपनी ताकत झोकेंगे। यहां उनको टारगेट करना आसान होगा।
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