एक ओर जहाँ पुलिस के नव आरक्षक छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में जाने से इंकार कर रहें हैं, भले ही उनकी नौकरी क्यों न चली जाये। वहीँ नक्सालियों के एक नए फरमान ने बस्तर इलाके में पुलिस की परेशानियाँ और बड़ा दी है। हाल ही में घुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर जिले में नक्सालियों ने कुछ मार्गो पर यात्री वाहनों की तलाशी ली और धमकी दी की जिस वाहन में पुलिसकर्मी रहेंगे उसे उड़ा दिया जायेगा । इस बात की पुष्टि बस्तर रेंज के आईजी टी लान्ग्कुवेर ने भी की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस धमकी के बाद नारायणपुर के अंदरूनी मार्गो पर बस मालिकों ने बसों में पुलिस जवानों को बिठाने से इनकार कर दिया है। इसके चलते पुलिस के जवान अपनी पदस्थापना वाली जगह और छुट्टी पर घर नहीं जा पा रहे हैं। जिससे बस मालिकों, चालकों, परिचालकों और पुलिस के जवानों के मध्य टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। चालकों तथा परिचालकों का कहना है कि नक्सली चेतावनी के बाद वे बस में पुलिस जवानों को नहीं बिठाएंगे। जबरन बैठने की स्थिति में हम बस ही नहीं चलांएगे। यदि उन पर दबाव डाला गया तो नौकरी छोडकर मजदूरी भी कर लेंगे। हालांकि पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा का आश्वासन दिया है। इस मामले में बस मालिकों को पुलिस तथा नक्सलियों का दोहरा दबाव झेलना पड रहा है।
नक्सालियों की इस तरह की हरकत क्या जायज है ? अपनी राय जरूर दे -
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