Saturday, September 5, 2009

स्टांप पेपर पर बिक रही हैं औरतें !

सरकार की ओर से देश में अभूतपूर्व विकास होने का दावा किया जा रहा है तो दूसरी तरफ बुंदेलखंड की स्थिति दिनोंदिन भयावह होती जा रही है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि इस इलाके में औरतों की खरीद-फरोख्त भी होने लगी है। जिस्म के सौदागर बकायदे स्टांप पेपर पर इनका सौदा कर रहे हैं। एक निजी चैनल की मानें तो इस इलाके में तमाम ऎसे दलाल सक्रिय हैं, जो महिलाओं की खरीद-फरोख्त का धंधा कर रहे हैं। मालूम हो कि बुंदेलखंड इलाका कई वर्षो से सूखे की चपेट में है। इस बार स्थिति भयावह हो गई है। निजी चैनल की मानें तो सविता (परिवर्तित नाम) नामक युवती को किसी और ने नहीं बल्कि उसके पति ने ही बेच दिया। कीमत लगाई आठ हजार रूपए। सौदा पक्का करने और इस सौदे को कानूनी दर्जा दिलाने के लिए वो बाकायदा खरीदार के साथ कोर्ट पहुंचा। स्टांप पेपर पर लिखापढी हो गई, लेकिन मौका मिलते ही सविता वहां से भाग निकली और अब पुलिस की अभिरक्षा में है। सविता कहती है उसने हमें बेच दिया है। पुलिस अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि एक आदमी गुलाब इस महिला को लेकर शादी के लिए आया था। इसके पति ने इसको गुलाब को बेच दिया।
सविता बुंदेलखंड की उन हजारों औरतों में से एक है जिनका सौदा खुद अपनों ने ही कर डाला। यह तो एक मामला है, जो पुलिस और मीडिया तक पहुंचा है। गुपचुप तरीके से यह धंधा जोरों पर चल रहा है। इसे पुलिस भी स्वीकार करती है। एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि इस इलाके में 10 से 12 हजार में यह कारोबार च ल रहा है। औरतों का सौदा करने वालों ने इसे नाम दिया है विवाह अनुबंध। शादी के ऎसे ही एक एग्रीमेंट के मुताबिक पहले से ही शादीशुदा कुंती (परिवर्तित नाम) की हरिप्रसाद नाम के शख्स से दोबारा शादी हो रही है। कुंती की उम्र महज 23 साल है जबकि हरिप्रसाद लगभग उसकी दुगनी उम्र 40 साल का है। कुंती के दस्तखत को देखें तो ये भी साफ हो जाएगा उससे एक अक्षर भी सही से नहीं लिखा गया। वकील कालीचरण बताते हैं कि वो दस रूपये के स्टांप पर एक कंप्रोमाइज लिख दिया जाता है। ये भी जरूरी नहीं कि जिसने एक बार औरत खरीदी, वो उम्रभर उसे अपने साथ रखे। कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के नेवाडी थाने की पुलिस ने ऎसी ही तीन औरतों को बचाया था। पुलिस ने औरतों की ओर से बताए गए चार दलालों को भी धर दबोचा था।

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