Wednesday, August 19, 2009

बेटियों की रक्षा सिन्दूर से

सुहागिनों का प्रतीक सिंदूर यदि कुंवारी लड़कियां भी लगाने लगे तो इससे बड़ी हैरत की बात और क्या होगी। आप मानें या न मानें लेकिन छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में ऐसा हो रहा है। बिन ब्याही लड़कियों की रक्षा के लिए परिजनों को यह कदम मजबूरी में उठाना पड़ रहा है।
दरअसल, नक्सलियों ने अपनी तादात बढाने के लिए इन दिनों सदस्यों की भर्ती अभियान चला रखा है और वे गावों में बैठकें कर हर घर से लड़कों और लड़कियों की मांग कर रहे हैं । उनकी मांग नहीं मामने पर परिणाम भुगतने की धमकी दी जाती है। इससे घबराये लोगों को वह सब कुछ करना पड़ रहा है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। सबसे बुरा हल नक्सल प्रभावित धमतरी जिले का है। यहाँ के सिहावा और नगरी क्षेत्र के लोग नक्सलियों से बेटियों को बचाने के लिए उन्हें चोरी- छिपे दूर रिश्तेदारों के यहाँ भेज दे रहे है या उन्हें साड़ी पहनाकर उनकी मांग में सिंदूर लगवा रहे है, ताकि वे उन्हें शादी-शुदा बता सकें। नक्सली शादी-शुदा महिलाओं को तंग नहीं करते, यही वजह है की लोग बेटियों को सुहागिनों के चोलें में छिपाकर घर पर रख रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो अब तक नगरी और सिहावा क्षेत्र के कई गावों से काफी संख्यां में युवक-युवतियां लापता हो चुकें है। इसकी जानकारी पुलिस को भी है लेकिन वह कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है। गौरतलब है की पिछले दिनों नक्सली कमांडर रमन्ना ने इस इलाके में पहुंचकर अलग-अलग दलम कमांडरों से मुलाकात की थी। इसके बाद से इस क्षेत्र में नक्सलियों ने अपनी गतिविधियाँ तेज कर दीं। इसी का परिणाम है की स्वतंत्रा दिवस पर कई गावों में ध्वाजारोहण नहीं हुआ। बताया जा रहा है की रमन्ना के जाने के बाद भर्ती अभियान में भी तेजी आ गई। सूत्रों के मुताबिक सोंढूर बाँध के आसपास के पहाडी इलाकों में नक्सलियों ने गढ़ बना रखा है। इन क्षेत्रों के अलावां गरियाबंद, मैनपुर और उडीसा सीमा पर काफी संख्यां में वर्दीधारी नक्सलियों के देखे जाने की ख़बर है।

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